आखिरकार ईरानी सरकार ने अपनी गलती कबूलते हुए कहा कि यूक्रेन का जो यात्री विमान 8 जनवरी 2020 को तेहरान के एयरस्पेस में दुर्घटनाग्रस्त हुआ था जिसमें 176 यात्रियों की मौत हो गयी थी, उसको गलती से मार गिराया गया।
हम सभी अच्छी तरह से जानते हैं कि युद्ध की हनक भी बहुत भयंकर त्रासदी लेकर आती है, ना जाने कितने लोग अहंकार के चलते होने वाले इस टकराव में एक पल में असमय काल का ग्रास बन जाते हैं। जिसका ताजा उदाहरण ईरान व अमेरिका का तनाव है। जबसे अमेरिकी सेना ने ईरान के सेना के टॉप कमांडर कासिम सुलेमानी को अपने ड्रोन हमले में मौत के घाट उतारा है तब से ही जिस तरह से ईरान के द्वारा "युद्ध लड़ने की हनक, बदला लेने की सनक" बेहद आक्रामक अंदाज में जारी थी वह 176 निर्दोष यात्रियों व उनके परिजनों को हमेशा के लिए गहरे जख्म दे गयी है। क्योंकि जिस तरह से ईरान ने मानवीय भूल के चलते यूक्रेन के यात्री विमान पर मिसाइल से हमला किया था, जिसके चलते इसमें सवार सभी 176 यात्रियों की मौत हो गई मारे गए लोगों में ईरान के 82, कनाडा के 63, यूक्रेन के 11, स्वीडन के 10, अफ़गानिस्तान के 4, जर्मनी और ब्रिटेन के तीन-तीन लोगों की जिंदगियों को असमय लील लिया गया है। यह स्थिति सभ्य शांतिप्रिय समाज के लिए बहुत ही चिंताजनक है, आप बदला लेने के लिए इतने उतावले व अंधे हो जाते हो कि सही व गलत तक का निर्णय भी समय रहते नहीं कर पाते हो।