उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अभी तक तमाम राज्यों में चुनाव प्रचार के समय ही ज्यादा नजर आते थे, लेकिन अब केन्द्र ने योगी को नागरिकता संशोधन एक्ट (सीएए) को लेकर यूपी सहित देशभर में फैलाए जा रहे भ्रम को दूर करने की जिम्मेदारी भी सौंप दी है।
उत्तर प्रदेश देश का ऐसा पहला राज्य बना गया है जहां नागरिकता संशोधन बिल लागू कर दिया गया है। 10 जनवरी को सीएए लागू होते ही करीब पचास हजार हिंदू शरणार्थी ने नागरिकता पाने के लिए आवदेन भी कर चुके है। इसमें से करीब 15 हजार शरणार्थी पीलीभीत जिलें के है। लखनऊ से भी काफी आवदेन आये है। ये संख्या आने वाले दिनों मंे करीब दो लाख तक पहुंच सकती है। आवदेन करने वाले पाकिस्तान, अफगानिस्तान, बांग्लादेश से आये लोग हैं, जिन्हें इन देश में अल्पसंख्यक होने के कारण उत्पीड़न का शिकार होने पड़ा था।प्रदेश सरकार ने पहले चरण में इन शरणर्थियों को नागरिकता देने के लिए सूची केंद्र सरकार को भेज दी है। यूपी सरकार के प्रवक्ता और ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने बताया, तीन देशों से आए हिंदू बौद्ध, ईसाई और पारसी प्रदेश में रहे रहे हैं। नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) की अधिसूचना जारी हो चुकी है और सीएए के दायरे में आने वाले शरणर्थियों को नागरिकता दी जानी है। जिलों से मिली रिपोर्ट के आधार पर पहले चरण में 21 जिलों में 32 हजार से ज्यादा शरणार्थी चिन्हित किए शर्मा ने कहा कि सभी जिलाधिकारियों को शरणार्थी का पता लगाने का निर्देश दिया गया है। अन्य जिलों में भी आंकडे़ एकत्रित किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि अभी यह संख्या और भी बढ़ेगी।